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कभी-2 इन्सान, बुत सा हो जाता है, ज़िन्दगी की ठोकरे

कभी-2 इन्सान, बुत सा हो जाता है,
ज़िन्दगी की ठोकरें, पत्थर दिल बना देती है,
एहसास ही मर जाते है, ना रहते है अपने लिए ना औरों के लिए, जो चुभती थी बातें पहले, अब वह मानो अपना दम ही खो देती हैं।

और कभी-2 ज़िन्दगी की ठोकरों से इन्सान, पत्थर की तरह मज़बूत हो जाता है,
फिर वह ज़िन्दगी की चुनौतियों को खूब मज़ा चखाता है,
हिम्मत से उनसे लड़ता है और जीत पाता है।

दिल पत्थर बना कर, ना करिये खुद को परेशान,
एहसासों के बिना तो, ज़िन्दगी है विरान।

बनिये पत्थर जैसा मज़्बूत, 
चुनौतियों का भी पसीना जाए छूट। #PatharDilNahi#PatharSaMazboot#💪💪
कभी-2 इन्सान, बुत सा हो जाता है,
ज़िन्दगी की ठोकरें, पत्थर दिल बना देती है,
एहसास ही मर जाते है, ना रहते है अपने लिए ना औरों के लिए, जो चुभती थी बातें पहले, अब वह मानो अपना दम ही खो देती हैं।

और कभी-2 ज़िन्दगी की ठोकरों से इन्सान, पत्थर की तरह मज़बूत हो जाता है,
फिर वह ज़िन्दगी की चुनौतियों को खूब मज़ा चखाता है,
हिम्मत से उनसे लड़ता है और जीत पाता है।

दिल पत्थर बना कर, ना करिये खुद को परेशान,
एहसासों के बिना तो, ज़िन्दगी है विरान।

बनिये पत्थर जैसा मज़्बूत, 
चुनौतियों का भी पसीना जाए छूट। #PatharDilNahi#PatharSaMazboot#💪💪
ruchika7794

Ruchika

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