मुझे वो बड़े ज़ोर से जानते है ! जब भी बाहर निकल आता हूँ हवाओ से तेरा पता मांगते है ! तेरी उंगली पकड़ कर चला हूँ ना अब तन्हाई का सबब मांगते है ! बड़े मगन हो झूमते गाते थे कभी अब रुसवाई का लफ़ज मांगते है ! ये रास्ते आज भी तेरे इंतज़ार में तेरी बेरुखी को बे अदब मानते है ! आवारगी इतनी भी बुरी चीज़ नहीं बशर्ते मन से की जाये। #रास्तेपहचानतेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi