आज कहीं से ये जिंदगी लौट आई। एक खामोशी थी जो छुपी कोने मे दिल के, खो सी गई, एक सफर की तलाश मे और एक नया हादसा ढूंढ लाई। नींद नहीं है इन आँखों मे फिर भी सुकून है। न कोई खयाल न कोई शिकवा, उलझनों को कही भूल आई। आज कहीं से ज़िंदगी लौट आई। दूर ठहरी हुई रोशनी धुंधली सी है, अंधेरो से गुजरता ये सफर अजनबी। मालूम नहीं किस मोड़ पर होगा वो पल कहाँ से एक बेख़ौफ़ अहसास को लाई। आज कहीं से ज़िंदगी लौट आई। बंद थी जो किताब कई दिनों से एक पन्ना नया सा जुड़ा है। जमी धूल को बिखरा कर कदमों के छुटे निशानों से भटकती एक नया पता, एक नया सफर लाई। आज कहीं से ज़िंदगी लौट आई। सफर #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqthoughtoflife