गुरूदेव ने मेरे मुझे सवाल करना सिखलाया है और कोई अगर सवाल करें तो उचित जवाब देकर उसे संतुष्ट करना सिखाया है, यहां तक कि मेरे गुरूवर ने स्पष्ट किया किसी प्रश्न का एक उत्तर नही होता बल्कि प्रत्येक प्रश्न के मूलतः तीन और अन्य कई जवाब होते है, प्रथम जो प्रश्न का वास्तविक उत्तर है, द्वितीय जो प्रश्नकर्ता सुनना चाहता है, और तृतीय जो जवाबदेयता द्वारा तय किया जाता है कि किसे क्या जवाब दिया जाये और अन्य प्रकृति और समय पर निर्भर करता है...!! #गुरूदेव ने किसी पर उंगली उठाने से अच्छा प्रश्न करना बतलाया है क्योंकि उंगली किसी पर हम एक उठाते है तो उसकी तरफ एक और स्वयं की तरफ तीन होती है...!! यकीन ना हो तो प्रयास करके देख लो...!!