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-कितना नज़दीक था वो- आज भी नज़दीक ही है वो, पर दूरि

-कितना नज़दीक था वो-

आज भी नज़दीक ही है वो, पर दूरियाँ नज़दीकीयों से ज़्यादा है
ना टूट ही रहा है, ना मजबूत हो रहा, वो तेरा मुझसे जुड़ा जो धागा है
क़िस्मत का ही खेल है सब, जुदा हो गया जिसकी यादों से भी मैं, और मुझसे वो
कभी रहा भी ना जाता था उसकी झलक के बिना, कितना नज़दीक था वो.. time changes, people change..
-कितना नज़दीक था वो-

आज भी नज़दीक ही है वो, पर दूरियाँ नज़दीकीयों से ज़्यादा है
ना टूट ही रहा है, ना मजबूत हो रहा, वो तेरा मुझसे जुड़ा जो धागा है
क़िस्मत का ही खेल है सब, जुदा हो गया जिसकी यादों से भी मैं, और मुझसे वो
कभी रहा भी ना जाता था उसकी झलक के बिना, कितना नज़दीक था वो.. time changes, people change..

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