क्या करें कुछ समझ न आये ऊपर वाले पर सब छोड़ फ़िर मन को जो भाये वो करना फ़िर जो होना तय है वो होगा ही फ़िर काहे को रात-दिन सब रोयें फ़िर ख़ुद भी ख़ुश औरों को ख़ुश रखना फिर छोड़ सारे द्वेषभाव प्रेम तुम बाँटना फ़िर सबकुछ अच्छा होता जायेगा देखना फ़िर तीखी ये ज़िंदगी रसगुल्ले-सी होगी चखना फ़िर..! 😊 OPEN FOR COLLAB 😁 #ATतीख़ीज़िन्दगी • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 💚 इस तीखे चित्र को अपने मीठे शब्दों से सजाएं|✨ Transliteration: Jab zindagi teekhi ho jaaye (When the life turns spicy)