इत्तु सा पैग़ाम मंजिल के नाम।
#Nojoto
सफ़र पर सफ़र मिल रहा हैं ,मंजिल का ठिकाना बदल रहा था। मुश्किलों को दावत मिल गयी हैं,हर क़दम क़िस्मत लड़खड़ा रही हैं। हिम्मत अब जवाब देनी लगी हैं, उड़ती पतंग गोता खाने लगीं हैं। ऊँची उड़ान की तैयार करने लगी हैं, सोच के घोड़ों को उड़ाने लगी हैं।