इक खुदा तेरा इक ही राम मेरा फिर होती चौराहो पे किस बात की लडाई है इंसान खुद को नोचता है खुद को ही कोसता है ऐसी तबाही वाली आग किसने लगाई है मैं चाहती हूँ शान्ति तू भी चाहता है अमन फिर चौराहो पे होती किस बात की लडाई है #किसबातकीलडाईहै