गुड़ और तिल के लड्डू बनाओ, खुद खाओ,सबको खिलाओ, रंग बिरंगी पतंग उड़ाओ, मूंगफली रेवड़ी खूब लाओ, तेज अलाव और आग जलाओ, हंसी खुशी फिर त्योहार मनाओ। हैप्पी मकर संक्रांति। ©kamlesh pratap singh shayari in hindi