तुझे बनाया खुदा ने..…. तुझे बनाया खुदा ने इतना हंसीं,के तुमसा जहाँ में नहीं है कोई। मैंने ढूँढा सनम फलक से ज़मीं,पर तुमसा कोई दिखा ही नहीं। तेरी आँखें हैं रन्द शराबी सनम, जैसे होंठ है फूल गुलाबी सनम। आँखें जो मेरी देखीं तुझे, बस तुझे देखती ही रह गई। तुझे बनाया खुदा ने इतना हंसीं, के तुमसा जहाँ में नहीं है कोई..... तू मुस्कुरा देती है जो एकबार, तो खिल जाए कलियाँ, आ जाए बहार। सजदा तुझे करे आसमां, तू चले तो कदम चूम ले ये ज़मीं। तुझे बनाया खुदा ने इतना हंसीं, के तुमसा जहाँ में नहीं है कोई.... तेरी जुल्फ़े जो ऐसे लहराते हैं, जैसे अब्र फलक पे छा जाते हैं। करूँ मैं क्या और तारीफें तेरी, जैसे फलक से ज़मीं पर है आई परी। तुझे बनाया खुदा ने इतना हंसीं, के तुमसा जहां में नहीं है कोई.... ©Aarzoo smriti तुझे बनाया खुदा ने.....