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स्नेह हो यां सपना हो जब लब खोलो तो लगे कोई अपना हो

स्नेह हो यां सपना हो
जब लब खोलो तो लगे कोई अपना हो
छुपाती को कई बार कुछ बातें जिस बात से  दुखी हो 
जिस से मन दुखता हो
अच्छी हो सच्चाई का पुतला हो
दिल मोम का,  शब्दो में शहद लिपटा हो
श्वेत हो दिल से, चांद का टुकड़ा हो
ऐसा शक्स जो सबके दिल में बसता हो

©Dr  Supreet Singh
  #दुख_पी_जाती_हो