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यहाँ पत्थर से पुतलो सा, कोई भी खाश न होगा उसे मे

यहाँ पत्थर से  पुतलो सा,
 कोई भी खाश न होगा
उसे मेरी मोहब्बत का ,
कभी अहसास न होगा
उसे डर है कि दुनिया में,
 कहीं मैं फेल हो जाऊँ
मेरा वादा है अब तुमसे,
 कहीं बो पास न होगा
........कवि लोकेश द्वीप.... अहसास न होगा
अहसास न होगा
यहाँ पत्थर से  पुतलो सा,
 कोई भी खाश न होगा
उसे मेरी मोहब्बत का ,
कभी अहसास न होगा
उसे डर है कि दुनिया में,
 कहीं मैं फेल हो जाऊँ
मेरा वादा है अब तुमसे,
 कहीं बो पास न होगा
........कवि लोकेश द्वीप.... अहसास न होगा
अहसास न होगा