जो चाहते थे हद से ज्यादा,अब उन्होंने ही भुला दिया। उनकी मुस्कान के लिए हर कुछ करने को तैयार था,मगर क्या करे अब उन्होंने ही रूला दिया।। कवि रामदास गुर्जर दर्द ए दिल