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शब्द नही यह सत्य है , तुझ से ही मेरा अस्तित्व है।

शब्द नही यह सत्य है , 
तुझ से ही मेरा अस्तित्व है।

शेरनी जिसने रखा अबतक दबाये दांतो तले,
पास न फटका कोई न दांत ही मुझमे गढ़े।

अनुशाशन की कड़ी बेड़ियां और प्रेम का निर्झर भी,
मेरा सावन बना रहा तुमने भोगे पतझड़ कई।

है यदि कुछ ज्ञान मुझको और यदि सम्मान है,
तुम्हारी अथक परवरिश का मुझ आश्रित को दान है।

बैठा हथेली पे तुझे दूं सुख सभी संसार के,
और दे पाऊं अनंत क्षण प्यार के,

येही मेरा कर्तव्य है,
शब्द नहीं ये सत्य है,
तुझ से ही मेरा अस्तित्व है।


 जन्मदिन मुबारक माँ।
शब्द नही यह सत्य है , 
तुझ से ही मेरा अस्तित्व है।

शेरनी जिसने रखा अबतक दबाये दांतो तले,
पास न फटका कोई न दांत ही मुझमे गढ़े।

अनुशाशन की कड़ी बेड़ियां और प्रेम का निर्झर भी,
मेरा सावन बना रहा तुमने भोगे पतझड़ कई।

है यदि कुछ ज्ञान मुझको और यदि सम्मान है,
तुम्हारी अथक परवरिश का मुझ आश्रित को दान है।

बैठा हथेली पे तुझे दूं सुख सभी संसार के,
और दे पाऊं अनंत क्षण प्यार के,

येही मेरा कर्तव्य है,
शब्द नहीं ये सत्य है,
तुझ से ही मेरा अस्तित्व है।


 जन्मदिन मुबारक माँ।