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उड़ान वो महज 18 की थी, जब उसने खुद को समाज के निय

उड़ान

वो महज 18 की थी, जब उसने खुद को समाज के नियमों से बंधा हुआ माना,
उसी रोज उसने उड़ने का ठाना।

वो बनाना अपनी एक पहचान चाहती थी,
भरना वो एक ऊंची उड़ान चाहती थी।

वो ऐसे समाज में रहती थी जहां लोग बेटियों को बोझ कहते थे,
चूल्हा चौका के लिए बनी है लड़कियां ऐसा जिस समाज के लोग सोचते रखते थे।

उसने अपनी उड़ान के सपने जब घर वालों को बतायी,
समाज क्या कहेगी यह कहकर सब ने उसकी इच्छा को दवायी।

घरवालों के मन में उसके शादी का विचार आया था,
और उसके पापा ने उसका घर से निकलना बंद करवाया था।

कई कोशिशों के बाद भी वह घर से एक भी कदम बाहर नहीं रख पाई,
आखरी रास्ता उसने खुदकुशी की अपनाएं।

खुदकुशी कर ली उसने यह जानकर,
पर कुचल दिए जाते हैं समाज के द्वारा, लड़की कुछ नहीं कर सकती यह मानकर।

©archana chaudhary #uraan 

#allalone
उड़ान

वो महज 18 की थी, जब उसने खुद को समाज के नियमों से बंधा हुआ माना,
उसी रोज उसने उड़ने का ठाना।

वो बनाना अपनी एक पहचान चाहती थी,
भरना वो एक ऊंची उड़ान चाहती थी।

वो ऐसे समाज में रहती थी जहां लोग बेटियों को बोझ कहते थे,
चूल्हा चौका के लिए बनी है लड़कियां ऐसा जिस समाज के लोग सोचते रखते थे।

उसने अपनी उड़ान के सपने जब घर वालों को बतायी,
समाज क्या कहेगी यह कहकर सब ने उसकी इच्छा को दवायी।

घरवालों के मन में उसके शादी का विचार आया था,
और उसके पापा ने उसका घर से निकलना बंद करवाया था।

कई कोशिशों के बाद भी वह घर से एक भी कदम बाहर नहीं रख पाई,
आखरी रास्ता उसने खुदकुशी की अपनाएं।

खुदकुशी कर ली उसने यह जानकर,
पर कुचल दिए जाते हैं समाज के द्वारा, लड़की कुछ नहीं कर सकती यह मानकर।

©archana chaudhary #uraan 

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archanachaudhary5674

Shilpa

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