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वो सिर्फ़ पत्थर का टुकड़ा नहीं... कई पीढ़ियों की सा

वो सिर्फ़ पत्थर का टुकड़ा नहीं...
  कई पीढ़ियों की साक्षी है वो....
       कई प्रेमकथाओं की निशानी है....!
हमारे घर के रसोई में के कोने में पहचान जिसकी पुरानी है..........!!

माँ के भोजन में हमेशा.............
जिसने स्वाद बढ़ाया था............
बनस्पतियों को पीस पीस कर....
माँ ने सबका मन मोहा था.........
कई पीढ़ियों की साक्षी है वो.......
अन्तरमन में जिसके कितनी कहानी है......
हमारे घर की रोसोई में पहचान जिसकी पुरानी है..........!!

वो दौर वो समय कुछ और था...........   
विवाह में दुल्हन को जब........   
सिलबट्टा दिया जाता था........   
  वो शगुन देने की रीत........
  अब हो गई पुरानी है.........
हमारे घर की रोसोई में पहचान जिसकी पुरानी है...........!!

सिल और बट्टे का मिलन..........
जैसे कोई गीत गा रहा हो कोई....
     साथ में माँ के कँगन की छन छन.....
उनमें मधुर संगीत पिरो रहा हो कोई........!
   गीत संगीत के इस धुन में मगन......
   बाबुजी की सुधबुध खो जानी है.....
   वो सिर्फ पत्थर का टुकड़ा नहीं.......
मानो कोई प्रेमकहानी है.............
हमारे घर के रसोई के कोने में.......
पहचान जिसकी पुरानी है..........!
ये रसोई के कोने में पड़े हुए सिलबट्टे की कहानी है...................!!
मिक्सर के आ जाने से सिलबट्टा अब विलुप्तप्राय प्राणी है......!!!!

©Priyanjali #घर के #रोसोई के कोने का #सिलबट्टा #Silbatte 

वो सिर्फ़ पत्थर का टुकड़ा नहीं...
  कई पीढ़ियों की साक्षी है वो....
       कई प्रेमकथाओं की निशानी है....!
हमारे घर के रसोई में के कोने में पहचान जिसकी पुरानी है..........!!

माँ के भोजन में हमेशा.............
वो सिर्फ़ पत्थर का टुकड़ा नहीं...
  कई पीढ़ियों की साक्षी है वो....
       कई प्रेमकथाओं की निशानी है....!
हमारे घर के रसोई में के कोने में पहचान जिसकी पुरानी है..........!!

माँ के भोजन में हमेशा.............
जिसने स्वाद बढ़ाया था............
बनस्पतियों को पीस पीस कर....
माँ ने सबका मन मोहा था.........
कई पीढ़ियों की साक्षी है वो.......
अन्तरमन में जिसके कितनी कहानी है......
हमारे घर की रोसोई में पहचान जिसकी पुरानी है..........!!

वो दौर वो समय कुछ और था...........   
विवाह में दुल्हन को जब........   
सिलबट्टा दिया जाता था........   
  वो शगुन देने की रीत........
  अब हो गई पुरानी है.........
हमारे घर की रोसोई में पहचान जिसकी पुरानी है...........!!

सिल और बट्टे का मिलन..........
जैसे कोई गीत गा रहा हो कोई....
     साथ में माँ के कँगन की छन छन.....
उनमें मधुर संगीत पिरो रहा हो कोई........!
   गीत संगीत के इस धुन में मगन......
   बाबुजी की सुधबुध खो जानी है.....
   वो सिर्फ पत्थर का टुकड़ा नहीं.......
मानो कोई प्रेमकहानी है.............
हमारे घर के रसोई के कोने में.......
पहचान जिसकी पुरानी है..........!
ये रसोई के कोने में पड़े हुए सिलबट्टे की कहानी है...................!!
मिक्सर के आ जाने से सिलबट्टा अब विलुप्तप्राय प्राणी है......!!!!

©Priyanjali #घर के #रोसोई के कोने का #सिलबट्टा #Silbatte 

वो सिर्फ़ पत्थर का टुकड़ा नहीं...
  कई पीढ़ियों की साक्षी है वो....
       कई प्रेमकथाओं की निशानी है....!
हमारे घर के रसोई में के कोने में पहचान जिसकी पुरानी है..........!!

माँ के भोजन में हमेशा.............
priyanjalithakur3675

Priyanjali

New Creator

#घर के #रोसोई के कोने का #सिलबट्टा #Silbatte वो सिर्फ़ पत्थर का टुकड़ा नहीं... कई पीढ़ियों की साक्षी है वो.... कई प्रेमकथाओं की निशानी है....! हमारे घर के रसोई में के कोने में पहचान जिसकी पुरानी है..........!! माँ के भोजन में हमेशा............. #कविता #nojotopoetry #नोजोटो #nojotowriters #NojotoWriter #oldmemories