तुम्हारी राह ताक रहा हूँ, अल्मारी से झांक रहा हूँ। एक शाम का वक़्त निकाल आओ। की बस मुझ पर पड़ी यह धूल की परत हटाकर चले जाना। ©Aayushman Regmie #NojotoQuote feelings of books-poetry #nojoto #poetry #books #feelings