कभी बैठ अकेले अराम से सोचना मुझे जैसा तुम चाहोगी बैसा ही मिलूगा मैं जो डूब के देखोगी ज्जबातो में थोड़ा तनहा थोड़ा आजाद मिलूंगा मैं हरघड़ी तुम्हे तुम्हारा सरताज मिलूंगा जो चिढ आने लगे हरकतो से मेरी तुम्हे दिमाग से नही दिल से सोचना तुम थोड़े आहिस्ता आहिस्ता मेरे किरदार को भापना मैं कुछ तुम्हे मनाता हुआ बार बार मिलूगा मैं चाँद न सही पर हर दफा करारा मिलूगा जो सब्र से देखोगी तो हर पल तुम्हारा मिलूंगा #NojotoQuote