Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या हुआ उसी रास्ते मे है जो मकान मुक्मिल उसका। ज

क्या हुआ उसी रास्ते मे है जो  मकान मुक्मिल उसका।
जिस रास्ते से मैं रोज आया जाया करता था।
न जरूरत था न कोई काम फिर भी कुछ न कुछ बहाना बनाया करता था।
बस ये दिल मे ख्वाहिशें लिए की इसी बहाने उस मासूम चेहरे का दीदार हो जाये।
वो भी कभी खिड़कियों पे खड़ी और कभी दरवाज़ों पे बैठी होती थी ।
शायद ये सोच कर की, मेरी नैना और उनकी नैनो से दो-चार हो जाये।
पर क्या करे हम , किस्मत के कुछ ऐसा लेखा।
हमने अपनी आँखों देखा।
बदल गया सबकुछ कुछ न था अब पहले जैसा।
मैं तो रूह था उनका, मैं भी उनको अपनी जान बुलाया करता था। मै तो उनको अपनी जान बुलाया करता था।
क्या हुआ उसी रास्ते मे है जो  मकान मुक्मिल उसका।
जिस रास्ते से मैं रोज आया जाया करता था।
न जरूरत था न कोई काम फिर भी कुछ न कुछ बहाना बनाया करता था।
बस ये दिल मे ख्वाहिशें लिए की इसी बहाने उस मासूम चेहरे का दीदार हो जाये।
वो भी कभी खिड़कियों पे खड़ी और कभी दरवाज़ों पे बैठी होती थी ।
शायद ये सोच कर की, मेरी नैना और उनकी नैनो से दो-चार हो जाये।
पर क्या करे हम , किस्मत के कुछ ऐसा लेखा।
हमने अपनी आँखों देखा।
बदल गया सबकुछ कुछ न था अब पहले जैसा।
मैं तो रूह था उनका, मैं भी उनको अपनी जान बुलाया करता था। मै तो उनको अपनी जान बुलाया करता था।