रहता हूँ किराए की काया में, रोज साॅंसों को बेचकर किराया चुकाता हूँ...! मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी, बातें मैं महल मीनारों की कर जाता हूँ..!! जल जाएगी यह मेरी काया एक दिन, फिर भी इसकी खूबसूरती पर इतराता हूँ...!!! मुझे पता है मैं खुद के सहारे, श्मशान तक भी नहीं जा सकूंगा...!!!! इसलिए जमाने में दोस्त बनाता हूँ...!!!!! अपना दोस्ताना... 💪💪💪 ©Rahul Raj #firendshipforever #RahulRaj#quotes