किस्मत और हकीकत की भी तो, अपनी – अलग अलग कहानी है, गर जाए कोई एक रूठ कभी, तो फिर बचे केवल नयनों में पानी है। होना हो सफ़ल जीवन में तुम्हें, तो इन दोनों का मिश्रण भी ज़रूरी है, रख लो अपने बाहुबल पर भरोसा, तो राघव पर भी विश्वास ज़रूरी है। पाना है अगर तुमको मंजिल, तो फिर संकल्प कर बदल लो किस्मत, गर हुआ मेहनत और किस्मत का संयोग, तो बन जायेगा वो हकीकत। चल पड़ो जी तुम पगडंडो पर, अपने ख्वाबों को हकीकत बनाने में। कर्मयोगियों का भी साथ देती किस्मत, राहगीर को मंज़िल पाने में।। ना समय का ख़्याल रखो, ना ध्यान दो पांवों में पड़ते कितने है छाले। गर तप लिए इस तपन में, तो पाओगे तुम अपने मेहनत के निवाले।। ♥️ Challenge-915 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।