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chhod diya wo rasta जब एक दिए की बाती से, अंधकार म

chhod diya wo rasta जब एक दिए की बाती से,
अंधकार मिट जाता है।
इसी बात को नर समझे तो,
राष्ट्र उदित हो जाता है।
तू तू मैं मैं इन शब्दों में,
मानव क्यों फंस जाता है।
आज मैंने सीखा है जब,
वक्त संग सब बदल जाता है।।

©Satish Kumar Meena वक्त
chhod diya wo rasta जब एक दिए की बाती से,
अंधकार मिट जाता है।
इसी बात को नर समझे तो,
राष्ट्र उदित हो जाता है।
तू तू मैं मैं इन शब्दों में,
मानव क्यों फंस जाता है।
आज मैंने सीखा है जब,
वक्त संग सब बदल जाता है।।

©Satish Kumar Meena वक्त