आंखों में भर के दरीया साथ,साहिल लिए फिरता हैं, वो शख्स अपने जुल्फो पर बादल लिए फिरता हैं। मै बात बताऊ नैनो कि वो नैन बड़े कजरारे है, बिन काजल हि नैनों में वो काजल लिए फिरता हैं। जरूरत क्या है खंजर कि मैं रोज डुब के मरता हूं, वैसे ही वो शख्स निगाहें कातिल लिए फिरता हैं। मैं कायल उसके नैनों का और नैनों पर ही अटक गया, होठो पर तो शायरो कि वो महफील लिए फिरता हैं। हर मजनू के मुंह से मै सुनता वो उनकी मंजिल है, जाने कितने प्रतिहारो कि वो मंजिल लिए फिरता हैं। प्रतिहार #प्रतिहार फॉलोव करें