वो हमारे इश्क के रंग में रंगने लगे है तारीफ सुन कर वो भी इतराने लगे है आंखों में जब से अपनी काजल की धार लगानें लगे है वो बातो ही बातो में अपने अरमान छुपाने लगे है खुद मै ही ख्वाबो की बगिया सजाने लगे है वो इश्क के एहसास को बढाने लगे है जब से अपनी पलकें उठा कर और फिर शर्मा कर झुकाने लगे है वो Mr. MANEESH Kђusђi SiŇgђ😟 , कवि राहुल पाल