तुम कहते हो, अब फिजाओं में वो ख़ुश्बू नहीं, हम तो तुम्हारे है सनम, पर क्यूँ तुम हमारे नहीं । कागज़ की किश्ती को समुंदर में उतार दूँ, डरता हूँ बीच मझदार में, डूब ना जाऊँ कहीं । बैठा हूँ मयख़ाने में, तेरी तस्वीर हाथ में लिए, पी रहा हूँ तेरी यादों को, तुझे भूल ना जाऊँ कहीं । बीत रही हैं हर रात, तेरी यादों में बह जाने को, अश्क़ पलकों पर सजे हैं, ये बह ना जाये कहीं । #अश्क़ #डूब #ishq #brokenheart #padhnelikhnewale #पढ़नेलिखनेवाले #foolaurkaante #रातें