अपने बचपन के यादों को अगर लिखूं मैं सबसे पहले उनमें तेरा ज़िक्र होगा मां मेरी जिंदगी के खुशनुमा लम्हों को लेकर जीना चाहूं उनमें तेरा साथ होगा मां उस खुदा के भेजी हुई वो दुआ है तू मां जिस वक़्त दवा काम न करे उस वक़्त तेरी दुआ काम आती है मां........ है तू धड़कन मेरी और मै तेरी आवाज़ हूं मां समझ न सकती ये दुनियां मुझे क्युकी मैं हूं तेरी परछाई मां जाने तूने कितने तकलीफों को सही होगी तब जाकर मिली ये मेरी जिंदगी होगी.... देखती हूं तुझे मैं अपना दर्द छुपाते हुए मुझसे अपना नम आंखों को चुराते हुए हंसते हुए अपने सारे गम को पीते हुए आख़िर क्यों इतना त्याग करती हो मां हमारी ख़ुशी के लिए अपनी सारी जिंदगी कुर्बान करती हो मां......... धूप में भी तेरा आंचल पाना चाहूं मै ग़म से कहीं मेरी दोस्ती ना हो जाए इसीलिए तुमसे मै लिपटकर रोना चाहूं मै मां तू वो अनमोल पुष्प है जिसकी कीमत कोई नही लगा सकता यहां मेरी पहली मोहब्बत का पहला एहसास हो मां..... _ M K ______________❤️ MA ❤️_______________ अपने बचपन के यादों को अगर लिखूं मैं सबसे पहले उनमें तेरा ज़िक्र होगा मां मेरी जिंदगी के खुशनुमा लम्हों को लेकर जीना चाहूं उनमें तेरा साथ होगा मां उस खुदा के भेजी हुई वो दुआ है तू मां जिस वक़्त दवा काम न करे उस वक़्त