सच कहते हैं लोग, जैसा दिखता है, वैसा होता नहीं, हर मेहनत का फल, मीठा होता नहीं, मिठास से फल की तुलना हो तो, इम को कोई चख्ता नही, सच है, दिखता नहीं.... हर कोई चाहत रखता है, आवाज उठाने की, पर पहले शब्दों को बुन्ना, अक्सर लोग भूल जाते हैं, अपने शब्दों में ताकत डालो, आवाज में नहीं, क्योंकि फुल, बरसात में खेलते हैं, तूफानों में नहीं, सच है, दिखता नहीं.... बेनकाब चेहरे हैं, इन नकाबों के भी क्या कहने है, बाहर मलहम, अंदर घाव बड़े गहरे हैं, क्यों हर कोई किसी का घाव भरता नहीं..? क्यों इन चेहरों से सच दिखता नहीं..? सच दिख जाएं चेहरों से तो, गैरों को कोई पूछता नहीं, सच है, दिखता नहीं.... #NojotoQuote सच है, दिखता नहीं.... #truth