Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुहब्बत की बाज़ार में हर बार हमें निराशा मिली , जै

मुहब्बत की बाज़ार में हर बार हमें निराशा मिली ,
जैसी चाहिए थी हमें वैसी ना हमें शुश्रूषा मिली !
हम तो नाता तोड़ बैठे थे इस खूबसूरत जिदंगी से ,
पर फिर से इस दिल को एक जीने की आशा मिली !

                                           Mr. Chandra #positive response, शुश्रुशा= सेवा
मुहब्बत की बाज़ार में हर बार हमें निराशा मिली ,
जैसी चाहिए थी हमें वैसी ना हमें शुश्रूषा मिली !
हम तो नाता तोड़ बैठे थे इस खूबसूरत जिदंगी से ,
पर फिर से इस दिल को एक जीने की आशा मिली !

                                           Mr. Chandra #positive response, शुश्रुशा= सेवा

#positive response, शुश्रुशा= सेवा