वो अपने वजूद को तलाशती, वो किसकी तलाश में है,!! वो खुद को खुद से छिपाती,, वो विराने में अपने निंशा ढूंढती,, वो क्षण क्षण समुद्र की गहराइयों में समाती जाती,, "पूरा कैप्शन में पढें, वो अपने वजूद को तलाशती वो किसकी तलाश में है,!! वो खुद को खुद से छुपाती,, वो क्षण क्षण समुद्र की गहराइयों में समाती जाती,, वो अनंत आकाश में पंख लिए उड़ती,,