कभी हक की रोशनी में ,कभी हक के फासलों में, पुरखे जिन्दे है कलम किताबो मे.. कभी दिल की धडकनों में ,कभी अश्कों के सफ़र में , पुरखे जिन्दे है स्त्री के सम्मानो मे..../ ©anurag bauddh #मुस्लिम #इतिहास #पुरखे