शब्र का मेरे बांध तोड़ कर, जिंदगी की रूख बर्बादियों की तरफ मोड़कर अपनी गलतियों पर तुम जो अफ़सोस करते हो तुम्हारे अफ़सोस पर अब मुझे कोई अफ़सोस नहीं। तुम्हें लगता है कि सिर्फ मेरी जुबां ख़ामोश है दिल में बाकी अभी भी प्यार की कोई डोर है तो ऐसा कुछ नहीं है जहां जाना है तुम जाओ मेरी तरफ से अब कोई रोक टोक नहीं ©Beena #शब्र