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मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर लोग साथ आते

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया


मजरूह सुल्तानपुरी #NojotoQuote Majrooh Sultanpuri Sher
प्रसिद्ध लेखक द्वारा एक खूबसूरत रचना
हर रोज अपने पसंदीदा लेखकों की रचनाएँ पढ़ें
#nojotohindi #hindipoetry #Poetry #FamousQuotesHindi
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लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया


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