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सितार के तारों को सींच के देखा, एक मदमस्त धुन उसक

सितार के तारों को सींच के देखा, 
एक मदमस्त धुन उसके तरन्नुम से उठी, 
कुछ यों उठी, कुछ यों गिरी, 
कहाँ से उठी, कहाँ पे गिरी, 
उसका होश ना थाl
लेकिन जब- जब उठी, जब- जब गिरी, 
सुकून-ए-दिल के लिये इंतजा़मात कर गयीl
- दी ईरिस्पान्सिब्ल मेवरिक #World_Music_Day ❤️
सितार के तारों को सींच के देखा, 
एक मदमस्त धुन उसके तरन्नुम से उठी, 
कुछ यों उठी, कुछ यों गिरी, 
कहाँ से उठी, कहाँ पे गिरी, 
उसका होश ना थाl
लेकिन जब- जब उठी, जब- जब गिरी, 
सुकून-ए-दिल के लिये इंतजा़मात कर गयीl
- दी ईरिस्पान्सिब्ल मेवरिक #World_Music_Day ❤️