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बालिका दिवस है ना खुद बालिका आई हमारे घर For every

बालिका दिवस है ना
खुद बालिका आई हमारे घर For every daughter on yq

तुम स्पन्दन हो अनुभूति का,
तुम अनुभूति का स्पंदन हो,
अनुभव का अनुभव कह रहा,
आभास से ही तुम चंदन हो,
गीत हो, संगीत हो,
प्रीत हो,मीत हो,
बालिका दिवस है ना
खुद बालिका आई हमारे घर For every daughter on yq

तुम स्पन्दन हो अनुभूति का,
तुम अनुभूति का स्पंदन हो,
अनुभव का अनुभव कह रहा,
आभास से ही तुम चंदन हो,
गीत हो, संगीत हो,
प्रीत हो,मीत हो,

For every daughter on yq तुम स्पन्दन हो अनुभूति का, तुम अनुभूति का स्पंदन हो, अनुभव का अनुभव कह रहा, आभास से ही तुम चंदन हो, गीत हो, संगीत हो, प्रीत हो,मीत हो,