बालिका दिवस है ना खुद बालिका आई हमारे घर For every daughter on yq तुम स्पन्दन हो अनुभूति का, तुम अनुभूति का स्पंदन हो, अनुभव का अनुभव कह रहा, आभास से ही तुम चंदन हो, गीत हो, संगीत हो, प्रीत हो,मीत हो,