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आशकी की नहीं जाती हो जाती हो जाती है इक पल में ना

आशकी की नहीं जाती हो जाती हो जाती है
इक पल में ना जाने कहां खो जाती है
अगर कोई बयान कर सकता है इस लब्ज  को तो वो केवल इक मां है 
जिसकी जिंदगी बस हमारी एक झलक देखने भर से ही कातिल हो जाती है mere Dil ma bsi meri maa Payal Singh Sweta Kushwaha
आशकी की नहीं जाती हो जाती हो जाती है
इक पल में ना जाने कहां खो जाती है
अगर कोई बयान कर सकता है इस लब्ज  को तो वो केवल इक मां है 
जिसकी जिंदगी बस हमारी एक झलक देखने भर से ही कातिल हो जाती है mere Dil ma bsi meri maa Payal Singh Sweta Kushwaha