आशकी की नहीं जाती हो जाती हो जाती है इक पल में ना जाने कहां खो जाती है अगर कोई बयान कर सकता है इस लब्ज को तो वो केवल इक मां है जिसकी जिंदगी बस हमारी एक झलक देखने भर से ही कातिल हो जाती है mere Dil ma bsi meri maa