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सरहद की चिंता से बढ़कर मुझको यह चिंता खाती है । जब

सरहद की चिंता से बढ़कर मुझको यह चिंता खाती है ।
जब बिना अन्न के सड़कों पर लाखों मायें सो जाती हैं।
 जब एक बहन बाबू के पैरों में हाथ लगाती है।
खाली हाथ वहां से दूजे  बाबू के ढिग जाती है।
जब एक वृद्ध आंटी से धन खातिर आंश लगाता है।
 बेटे की फीस की खातिर गालियां सैकड़ों खाता है ।
जब एक नन्हा सा भविष्य मैडम को चाय गिराता है ।
घर के चूहे की खातिर खुद चूल्हे में जल जाता है 
बहनों की शादी की खातिर भाई बंदूक उठाता है
तब देख दृश्य कलेजा मेरा फट जाता है ।
इन घटनाओं से इंसानियत शोर मचाती है ।
सच कहता हूं मेरे भारत की हालात बिगड़ती जाती है ।
सरहद  की चिंता से बढ़कर मुझको यह चिंता खाती है।

                          ~A.  #thirdquote    
#begger 
#kindness 
#dependent 
#poors
सरहद की चिंता से बढ़कर मुझको यह चिंता खाती है ।
जब बिना अन्न के सड़कों पर लाखों मायें सो जाती हैं।
 जब एक बहन बाबू के पैरों में हाथ लगाती है।
खाली हाथ वहां से दूजे  बाबू के ढिग जाती है।
जब एक वृद्ध आंटी से धन खातिर आंश लगाता है।
 बेटे की फीस की खातिर गालियां सैकड़ों खाता है ।
जब एक नन्हा सा भविष्य मैडम को चाय गिराता है ।
घर के चूहे की खातिर खुद चूल्हे में जल जाता है 
बहनों की शादी की खातिर भाई बंदूक उठाता है
तब देख दृश्य कलेजा मेरा फट जाता है ।
इन घटनाओं से इंसानियत शोर मचाती है ।
सच कहता हूं मेरे भारत की हालात बिगड़ती जाती है ।
सरहद  की चिंता से बढ़कर मुझको यह चिंता खाती है।

                          ~A.  #thirdquote    
#begger 
#kindness 
#dependent 
#poors