#बंदिशें बंदिशें जैसी कहीं कुछ होती नही है ये बस केवल समझी जाती है सुरक्षा की डोर है मानव की खातिर जो नियम रूप में बांधी जाती है! बंदिशें लाज़िम है और जरूरी भी द्वेष- क्लेश,पाप -अपराध और चालाकी पर खुद ही जागृत हो जब मनुष्य कानून सबको फ़र्ज़ नज़र आती है! बंदिशें बेड़ियां नही कवच है जो सही राह दिखलाती और विपत्ति से बचाती है मन संयम में हो सभी का तो इंसानियत हर ओर फैल जाती है ©Ravi kishan #Rose