जैसे तारें आसमाँ को सजाता है, जैसे पुष्पें ख़ियाबां को मनमोहक बनाता है, यह जमीं भी प्रेम व प्रसन्नता के पौधों से लहलहाता, गर इन्सान बस इन्सान होता !! #इन्सान #आलोकराधे