निहायत मामूली इंसान ही तो हु एहतमात ओ मोहब्बत की ज़रूरत मुझे भी है तुम,मुझको दुनिया से जुदा समझते हो ये सच हैं,मेरा इश्क़ इबादत कुबूल करता है मैं,झुक जाती हु खुद से करीब तुम्हारे बात कोई भी हो इतनी सी बात पर फ़िर ख़ुद को खुदा समझते हो.. ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes लव सैड शायरी लव