खाना आये न पीना आये, तेरे बिना न जीना आये। तब मै बेदम ही हो जाऊ, जब सावन का महीना आये। रूठ जाये जब भी साकी, रिन्दों को फिर न पीना आये। तूफां ने मझदार में घेरा, काश साहिल पे सफीना आये। कही वो तो नही मेरी अपनी, मेरे सपनों में जो हसीना आये। बढ़ जाती है तब रोनके महफ़िल, बज्म में जब कोई नगीना आये। गर हो जाये मुझ पे तेरी कृपा, "रैना" को जीने का करीना आये। रैना" ©Rajinder Raina करीना आये #Olympic2021