दिल की तड़प क्या होती है, कैसे तुम ये जानोगे। दूर रहोगे गर मुझसे, तो मेरी चाहत कैसे पहचानोगे। तुम बिन मैं यूँ तड़पती हूँ, जैसे जल बिन मछली। जीने के लिए जरूरी हो तुम, क्या बात मेरी ये मानोगे। तुमसे मेरी सुबह सुहानी, तुमसे ही मेरी रात जवाँ। मेरी धड़कनों में तुम ही बसते हो, कैसे तुम ये जानोगे। मैंने तुमको जितना चाहा, कोई इतना तुम्हें ना चाहेगा। मेरी इन बातों को तुम, शायद कभी ना समझ पाओगे। छोड़ो भी ये बेतुकी बातें, इजहार मोहब्बत का कर लो। मैं आज तुम्हारे पास ही हूँ, कल तुम ढूंढ ना पाओगे। ♥️ Challenge-768 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।