जा रहे हो तुम कभी ना आने को, खैर जाओ अब बचा भी क्या है निभाने को, ज़ख्म जहां भर के लाए हो समेट कर, तो डाल दो झोली में, अब दर्द भी नहीं होता दीवाने को.... #जा_रहे_हो_तुम #निभाने_को #ज़ख्म #दर्द #दीवाने #शायर_ए_बदनाम