ज़िन्दगी का सफर सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान राहे, चले चलो की जहाँ तक ये आसमान राहे ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान राहे #Life