(दरिया ए ग़म ) दर्द का दरिया मेरा गहरा समन्दर हो गया! में फ़क़ीर ए इश्क था, अब तो कलंदर हो गया! वो अगर कह दे जो कुन, जिंदगी बन जाएगी, में तो अदना शख्स था, में भी सिकंदर हो गया! देखकर "परवेज" रोया मतलब की दुनिया रब मेरे, आंख से कतरा जो निकला वो समन्दर हो गया! ©Written By Pravej Sabri #ShareInvitation #holdinghandsfeelslike #trending #apnatimebhiaayega @