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-----धमक -२ चमक -२ के , वो थी चल रही,----- --- कव

-----धमक -२ चमक -२ के , वो थी चल रही,-----

--- कविता के रचयिता---
--" कवि कुमार यशास"--
धमक -२ चमक -२ के , वो थी चल रही,
 आज कल स्वप्न भी , वो थी बदल रही,
जिसको मैं चाहता था , उसने मना किया,
जिसको न चाहा कभी ,संग वो चल रही,

मुझको वो चाहती थी , वो थी चाल चल रही,
कितना वो चाहता है , वो थी मनन ये कर रही,
मैंने भी ना कहा कुछ , उसने भी ना कहा,
मेरे दिल के समंदर में , वो थी उतर रही,

विश्वास से है प्रेम , वो थी प्रेम जी रही,
मेरे तरफ से न थी , वो थी हॉ मे जी रही,
मैं था अगर उसके लिए , वो थी मेरे लिए,
जीवन की हर डगर में , वो थी संग जी रही,

जन्मों से मैं जन्मों से , वो थी साथ चल रही,
मुझको भी ना खबर कि , वो थी क्या बात चल रही,
 जन्मों से जो रिश्ता था , बंधन में बदल गया,
जिसने मना किया , वो ही थी साथ चल रही,
FAMOUS POET & MOTIVATIONAL SINGER
# KAVI.KUMAR YASHAAS #special poem by ~: KAVi KUMAR YASHAAS
-----धमक -२ चमक -२ के , वो थी चल रही,-----

--- कविता के रचयिता---
--" कवि कुमार यशास"--
धमक -२ चमक -२ के , वो थी चल रही,
 आज कल स्वप्न भी , वो थी बदल रही,
जिसको मैं चाहता था , उसने मना किया,
जिसको न चाहा कभी ,संग वो चल रही,

मुझको वो चाहती थी , वो थी चाल चल रही,
कितना वो चाहता है , वो थी मनन ये कर रही,
मैंने भी ना कहा कुछ , उसने भी ना कहा,
मेरे दिल के समंदर में , वो थी उतर रही,

विश्वास से है प्रेम , वो थी प्रेम जी रही,
मेरे तरफ से न थी , वो थी हॉ मे जी रही,
मैं था अगर उसके लिए , वो थी मेरे लिए,
जीवन की हर डगर में , वो थी संग जी रही,

जन्मों से मैं जन्मों से , वो थी साथ चल रही,
मुझको भी ना खबर कि , वो थी क्या बात चल रही,
 जन्मों से जो रिश्ता था , बंधन में बदल गया,
जिसने मना किया , वो ही थी साथ चल रही,
FAMOUS POET & MOTIVATIONAL SINGER
# KAVI.KUMAR YASHAAS #special poem by ~: KAVi KUMAR YASHAAS
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