रूह की मोहब्बत की तलाश में बेशक गलतियां लाख हो जाए,,,,
न मिले चाहत मुकम्मल तो जिंदगानी खाक हो जाए।।।
तबाह करने की कोशिश करती हैं दुनिया,,,
किसी भी मासूम दिल वाले शख्स को,,,
जब वो दुनिया की ठोकर खा खा कर बेबाक हो जाए।।
गम खुद कहां लिखा करता हैं,कोई अपनी ही किस्मत में,,
ये सब तो नियति का खेल हैं,,,
बुरे वक्त में जमाना अलग होता हैं, जैसे पत्ते से अलग शाख हो जाए।। #Poetry#oursociety#changingworld#म्यूज़िक#NationalSimplicityDay#bitterline