अपना कसूर लोग दूसरों के सर पे डाल कर, सोचते है कि हकीकत बदल गई, उम्मीद की थोड़ी ज़िन्दगी से तो ये ज़िन्दगी ही आंसुओ में बदल गई, चाहतो का बारूद तो उनकी आँखों में था, लेकिन ये ज़िन्दगी एक भयंकर आग में बदल गई, अपनी मुस्कुराहटों के बदले वो, जुदाई का दर्द मेरे नाम कर गई. ✍️✍️✍️ Written:- By Umesh kumar #हकीकत ज़िन्दगी की