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गांव का , शहर का हर मंजर लिए बैठा हूं...२ आ झांक क

गांव का , शहर का हर मंजर लिए बैठा हूं...२
आ झांक के देख, मैं समंदर लिए बैठा हूं।

©Nilesh Kushwaha
  मैं समंदर लिए बैठा हूं।

मैं समंदर लिए बैठा हूं। #Shayari

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