सोचा हैं क्या, मेरे पहाड़ों में और तुम्हारे शहर में क्या फर्क है ? यहां परिंदे पिंजरे में रहते है, आज़ाद नही.... #सोचा_हैं_क्या, #पहाड़ी #शहर #परिंदे #आजादी