लकड़ी की पट्टी पर बैटरी की कज्जी लगाना, फिर उसे घोट्टे से घोटना ,चमकाना और उसके बाद पट्टी पर धागे से सत्तर मारना ओकरे बाद जीवन के उन शब्दों को पट्टी पर उतारना और गलती से हाथ मुहे पे आ जाए तो पूरा मुंह एकदम काला हो जाना और फिर घर पर आना और मां के द्वारा यह कहना कि तुम मुंह से पढ़ते हो कि हाथ से आज भी बहुत याद आता है। ©Ganesh Din Pal #कहां गए वो दिन